- 24 मई 2023
गर्मी में जल स्तर कम होने वाले गौठान में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था भी
महासमुंद के गौठानों में अब तक 3816 क्विंटल से ज्यादा गोबर की खरीदी
1227 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार कर की गई विक्रय
महासमुंद 24 मई 2023
महासमुंद विकासखंड में स्थित बेमचा, लभरा खुर्द एवं चिंगरौद, कौवाझर, लाफिनखुर्द और लाफिनकला (भुरका) के गौठान में कुछ दल के सदस्यों द्वारा गौठानों में जाकर पूरी जानकारी से वाकिफ न होकर समाचार पत्रों व सोशल मीडिया में भ्रामक खबरें आ रही हैं, जो वास्तविकता से दूर है। जैसे पशुओं के लिए शेड, पशुओं के लिए चारा, छांव एवं पानी की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में जनपद पंचायत महासमुंद द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि उक्त गौठानें तृतीय चरण में स्वीकृत हुई है। ग्रीष्म ऋतु में अधिकांश मवेशी पेड़ों की छांव में ही रहते है। लभराखुर्द गौठान में अधिक संख्या में पेड़ होने की वजह से पेड़ों की छावं में मवेशी रहते है। ग्रीष्म कालीन ऋतु के चलते खेतों में फसल नहीं होने के कारण पशु खुले में चर रहे, गांव में छुट्टा चराई प्रथा के कारण पशुओं द्वारा पानी पीने एवं चारा रखने हेतु गौठान में आकर वापस चले जाते है। वही चिंगरौद गौठान में पानी की व्यवस्था के लिए भी पन्द्रहवें वित्त आयोग मद से दो नलकूप बोर खनन कार्य कराया गया था। किन्तु एक बोर असफल होने एवं एक बोर में इस ग्रीष्म ऋतु में जल स्तर कम हो गया है। इस कारण गौठान में पानी की व्यवस्था अन्य जगह राजीव गांधी सेवा केन्द्र से वैकल्पिक व्यवस्था प्रस्तावित कर गौठान का कार्य सुचारू रूप से संचालित है।
कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने भीषण गर्मी को देखते हुए पहले भी जिले के सभी जनपद सीईओ को निर्देशित किया था कि जिन गौठानों या ग्रामीण क्षेत्रों में जहां गर्मी में नलकूप, हैंडपम्प का जल स्तर काफी नीचे या कम हो जाता है। ऐसे गौठानों और ग्रामीण इलाकों में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था समय रहते पूरी कर ली जाये। इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, क्रेडा के साथ ही जिला पंचायत द्वारा 15 वें वित्त आयोग से पानी की व्यवस्था के लिए राशि मुहैया करा कर गौठानों में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ने बताया कि उक्त तीनों गौठानों में प्रतिदिन गोबर खरीदी का कार्य किया जा रहा है। उक्त तीनों गौठानों में अब तक कुल 2040.78 क्विंटल की गोबर की खरीदी की जा चुकी हैं। इसमें गौठान बेचमा में 22 मई तक 1068.90 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। वहीं लभराखुर्द में 675.67 क्विंटल और चिंगरौद में 302.21 क्विंटल गोबर खरीदा जा चुका है। क्रय किये गये गोबर से 710 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर विक्रय किया गया है। उक्त तीनों गौठानें तृतीय चरण में स्वीकृत हुई है।
इसी प्रकार गौठान कौवाझर, लाफिनखुर्द, लाफिनकला (भुरका) में भी नियमित गोबर खरीदी हो रही है। अब तक इन तीनों गौठानों में 1775.44 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। इसमें लाफिनकला (भुरका) में 823.91 क्विंटल, लाफिन खुर्द में 171.37 क्विंटल और कौवाझर गौठान में 780.16 क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी है। खरीदे गए गोबर से अब तक कुल 517 से ज्यादा क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर विक्रय किया गया है। इन सभी गौठानों में गौठानों में वर्मी टैंक, बोर खनन, कोटना निर्माण सीपीटी व तार फेंसिंग का निर्माण कराया गया है। ग्रीष्म ऋतु के कारण जल स्तर नीचे होने के कारण पानी की वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है।
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