- 17 मई 2023
बाल श्रम के रोकथाम पर छह सप्ताह तक चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 17 मई 2023/ यूनिसेफ छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा श्रम विभाग के सहयोग से 30 अप्रैल राष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस से 12 जून विश्व बाल श्रम निषेध दिवस तक बाल श्रम के रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान सोशल मीडिया में चलाया जा रहा है। श्रम पदाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न संस्थानों का निरीक्षण कर बालक-कुमार श्रम नियोजकों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होने बताया कि विभाग द्वारा जिले में 2019 से 2022 तक में विभिन्न संस्थाओं-नियोजकों में कुल 2133 निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 14 वर्ष कम उम्र के कुल 48 बालक श्रमिक एवं अधिसूचित खतरनाक नियोजन में 14 से 18 वर्ष के कुल 102 कुमार-बाल श्रमिक पाए गए जिसके लिए 81 नियोजकों-संस्थानों पर कार्रवाई की गई है। बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनिमयन) अधिनियम के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बालकों के नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है तथा 14 वर्ष से 18 वर्ष कुमार को अधिसूचित ख़तरनाक क्षेत्र में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। मुख्य प्रतिबंधित क्षेत्रों में कारखाना, होटल एवं ढाबा, रेस्टोरेंट, घरेलू कामगार, ईंट-भट्ठा एवं खपरेल निर्माण, ऑटो मोबाईल वर्क्सशीप एवं गैरेज, भवन एवं अन्य निर्माण कार्य, ज्वलनशील पदार्थ तथा विस्फोटक संबंधी कार्य, पटाखों का उत्पादन संग्रहण अथवा बिक्री, बीड़ी उद्योग, तम्बाकू निर्माण, कृषि प्रक्रियाऐं जहा मशीनों का उपयोग हो, खाद्य प्रसंस्करण, अगरबत्ती निर्माण, विद्युत उत्पादन उद्योग, पेट्रो रसायन उद्योग, पत्थर खदान, खाने और कोलियरी (भूमिगत तथा जलमग्न) तथा इनसे संबंधित कार्य इत्यादि शामिल है। उल्लंघन करने में बालक कुमार श्रम नियोजकों को 5 माह से 2 वर्ष तक का कारावास अथवा रुपये 20 से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जाऐगा। अधिनियम की धारा 12 के तहत बाल श्रम निषेध के प्रति जागरूकता हेतु “बाल श्रम निषेध’’ सूचना का प्रदर्शन राज्य के समस्त कारखानों, दुकान, स्थापनाओं और संस्थानों में कराये जाने हेतु प्रचार-प्रसार किया जाना अनिवार्य है।